योगी सरकार का बड़ा फैसला!! उत्तर प्रदेश में बनेंगे 5 नए एक्सप्रेसवे..जमीन अधिग्रहण में होगा गरीबों का फायदा

UP New Expressway: उत्तर प्रदेश इन दिनों इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में नए झंडे गढ़ रहे हैं. योगी आदित्यनाथ की सरकार के दौरान प्रदेश में एक्सप्रेसवे का जाल बिछाने की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है. देश के 42% एक्सप्रेसवे नेटवर्क के लिए यूपी अकेला जिम्मेदार है. अब सरकार ने 5 नए एक्सप्रेसवे बनाने का फैसला किया है जो प्रदेश के कई जिलों को सीधा फायदा पहुंचाएगा. इससे न केवल यातायात सुविधा बेहतर होगी बल्कि विकास, रोजगार के अवसर, कृषि व्यापार और घूमने के क्षेत्र में भी नई ऊर्जा आएगी.

UP New Expressway
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मौजूदा एक्सप्रेसवे की स्थिति

उत्तर प्रदेश में फिलहाल 7 एक्सप्रेसवे पूरी तरह संचालित हैं. इनमें नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे (24.53 किमी), यमुना एक्सप्रेसवे (165 किमी), आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे (302 किमी), पूर्वांचल एक्सप्रेसवे (341 किमी), बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (296 किमी), मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेसवे (96 किमी), और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे (91 किमी) शामिल हैं. वर्तमान में गंगा एक्सप्रेसवे (594 किमी), बलिया लिंक एक्सप्रेसवे (35 किमी), और लखनऊ-कानपुर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे (63 किमी) का निर्माण कार्य चल रहा है.

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नए एक्सप्रेसवे की पूरी जानकारी

योगी सरकार ने 5 नए एक्सप्रेसवे बनाने का जरूरी प्रस्ताव तैयार किया है. इन परियोजनाओं को पूरा करने के लिए 1,050 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया है. फिलहाल योजना में शामिल एक्सप्रेसवे हैं: आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से गंगा एक्सप्रेसवे (कौसिया, हरदोई) तक ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे जो फर्रुखाबाद के रास्ते से होकर गुजरेगा, गंगा एक्सप्रेसवे को प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, चंदौली होते हुए सोनभद्र तक जोड़ने के लिए विंध्य एक्सप्रेसवे, मेरठ से हरिद्वार तक गंगा एक्सप्रेसवे का विस्तार, बुंदेलखंड-रीवा एक्सप्रेसवे, और चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे. साथ ही जमीन अधिग्रहण के दौरान जिसकी जमीन एक्सप्रेसवे में जाएगी उसका बढ़ा फायदा होने की उम्मीद है.

नए एक्सप्रेसवे से होने वाले फायदे

नए एक्सप्रेसवे के निर्माण से यूपी के कई जिलों को प्रत्यक्ष लाभ होगा. हरदोई, फर्रुखाबाद, प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, चंदौली, सोनभद्र, मेरठ, हरिद्वार, बुंदेलखंड क्षेत्र और चित्रकूट जैसे जिलों में बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी. पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के अनुभव से पता चला है कि एक्सप्रेसवे बनने से यात्रा समय में 60% तक की कमी आती है. लखनऊ से गाजीपुर का सफर 10-12 घंटे से घटकर 4-5 घंटे हो गया है.

औद्योगिक विकास भी होगा

नए एक्सप्रेसवे से औद्योगिक विकास को तीव्र गति मिलेगी. एक्सप्रेसवे कॉरिडोर के साथ-साथ लॉजिस्टिक्स, मैन्युफैक्चरिंग, और एग्रो-प्रोसेसिंग जैसे उद्योगों को आकर्षित करने की अपार संभावनाएं हैं. छोटे और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को बेहतर मार्केट एक्सेस मिलेगा, जिससे हस्तशिल्प, वस्त्र, और खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों में नई जान आएगी. सरकार का अनुमान है कि इन परियोजनाओं से बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित होंगे.

कृषि क्षेत्र को मिलेगा बड़ा बूस्ट

पूर्वी उत्तर प्रदेश कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था है. नए एक्सप्रेसवे से किसानों की फसल को बाजार तक पहुंचाने में लगने वाला समय काफी कम हो जाएगा, जिससे फसल की बर्बादी कम होगी और बेहतर दाम मिलेंगे. उर्वरक, बीज, और मशीनरी जैसे कृषि आदानों की आपूर्ति भी आसान हो जाएगी. एक्सप्रेसवे के साथ-साथ एग्रो-इंडस्ट्रियल हब स्थापित होने से कृषि उत्पादों में वैल्यू एडिशन होगा.

पर्यटन क्षेत्र को होगा बड़ा फायदा

नए एक्सप्रेसवे से पर्यटन क्षेत्र में भी क्रांति आएगी. वाराणसी, अयोध्या, चित्रकूट, और श्रावस्ती जैसे धार्मिक स्थलों तक पहुंचना आसान हो जाएगा. पर्यटकों के लिए बेहतर कनेक्टिविटी मिलने से धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. चुनार किला और गाजीपुर अफीम फैक्ट्री जैसे ऐतिहासिक स्थलों की यात्रा भी सुविधाजनक हो जाएगी. कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य और गंगा नदी पारिस्थितिकी जैसे प्राकृतिक स्थलों के लिए इको-टूरिज्म की गुंजाइश बढ़ेगी.

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